Peer e Kamil (Pir e Kamil) Noval in Hindi – Episode 1, Part 1

Peer e kamil

Peer e Kamil जैसा एहसास – जब ख्वाहिशें गहरी हों

मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश बॉल पॉइंट होठों में दबाई व सोच में पड़ गई फिर एक लंबा सांस लेते हुए कदर बेबसी से मुस्कुराई बहुत मुश्किल है इस सवाल का जवाब देना क्यों मुश्किल है जवेरिया ने उसे पूछा क्योंकि मेरी बहुत सारी खवाहिश है और हर ख्वाहिश मेरे लिए बहुत आहम है उसने सर झटक हुए कहा वह दोनों ऑडिटोरियम के अकब हिस्से में दीवार के साथ जमीन पर टेक लगाए बैठी थी एफएससी क्लासेस में आज उनका आठवा दिन था

उस वक्त वह दोनों फ्री पीरियड में ऑडिटोरियम के अकब हिस्से में आकर बैठ गई थी नमकीन मूंगफली के दानों को एकएक करके खाते हुए जवेरिया ने उससे पूछा तुम्हारी जिंदगी की सबसे बड़ी हिश क्या है इ मामा इमामा ने कदर हैरानी से उसे देखा और सोच में पड़ गई पहले तुम बताओ तुम्हारी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश क्या है इमामा ने जवाब देने के बजाय उल्टा सवाल कर दिया पहले मैंने पूछा है तुम्हें पहले जवाब देना चाहिए जबरिया ने गर्दन हिलाई अच्छा ठीक है मुझे और सोचने दो इमामा ने फौरन हार मानते हुए कहा मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश वो बड़बड़ा एक ख्वाहिश तो यह है कि मेरी जिंदगी बहुत लंबी हो उसने कहा क्यों जवेरिया हंसी बस 50 60 साल की जिंदगी मुझे बड़ी छोटी लगती है कम से कम 100 साल तो मिलने चाहिए

लंबी ज़िंदगी या मकसद से भरी ज़िंदगी?

इंसान को दुनिया में और फिर मैं इतना सब कुछ करना चाहती हूं अगर जल्दी मर जाऊंगी तो फिर मेरी जिंदगी की सारी ख्वाहिश अधूरी रह जाएंगी उसने मूंगफली का एक दाना मुंह में डालते हुए कहा अच्छा और जवेरिया ने कहा और यह कि मैं मुल्क की सबसे बड़ी डॉक्टर बनना चाहती हूं सबसे अच्छी आई स्पेशलिस्ट मैं चाहती हूं कि जब पाकिस्तान में आई सर्जरी की तारीख लिखी जाए तो उसमें मेरा नाम टॉप ऑफ द लिस्ट हो उसने मुस्कुराते हुए आसमान को देखा अच्छा और अगर कभी तुम डॉक्टर ना बन सकी तो जवेरिया ने कहा आखिर यह मेरिट और किस्मत की बात है ऐसा मुमकिन ही नहीं है

Pir e Kamil की तरह एक ज़िद – डॉक्टर बनने की ख्वाहिश

मैं इतनी मेहनत कर रही हूं कि मेरिट पर हर सूरत आऊंगी फिर मेरे वालदैन के पास इतना पैसा है कि मैं अगर यहां किसी मेडिकल कॉलेज में ना जा सक की तो वो मुझे बैरन मुल्क भिजवा देंगे फिर भी अगर कभी ऐसा हो कि तुम डॉक्टर ना बन सको तो हो ही नहीं सकता यह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश है और मैं इस प्रोफेशन के लिए सब कुछ छोड़ सकती हूं यह मेरा ख्वाब है और ख्वाबों का भला कैसे छोड़ा जा सकता है इंपॉसिबल इमामा ने कतई अंदाज में सर हिलाते हुए हथेली पर रखे दानों में से एक और दाना मुंह में डाला जिंदगी में कुछ भी नामुमकिन नहीं हो सकता कभी भी कुछ भी हो सकता है फर्ज करो कि तुम डॉक्टर नहीं बन पाती तो फिर तुम क्या करोगी कैसे रिएक्ट करोगी

दोस्ती और ख्वाहिश – जवेरिया का छिपा राज

इमामा अब सोच में पड़ गई पहले तो मैं बहुत रोंगी बहुत ही ज्यादा कई दिन और फिर मैं मर जाऊंगी जवेरिया बे इख्तियार हसी और अभी कुछ देर पहले तो तुम कह रही थी कि तुम लंबी जिंदगी चाहती हो और अभी तुम कह रही हो कि तुम मर जाओगी हां तो फिर जिंदा रहकर क्या करूंगी सारे प्लांस ही मेरे मेडिकल के हवाले से हैं और यह चीज जिंदगी से निकल गई तो फिर बाकी रहेगा क्या यानी तुम्हारी एक बड़ी ख्वाहिश दूसरी बड़ी ख्वाहिश को खत्म कर देगी तुम यही समझ लो तो फिर इसका मतलब तो यही हुआ कि तुम्हारी सबसे बड़ी ख्वाहिश डॉक्टर बनना है लंबी जिंदगी पाना नहीं तुम कह सकती हो अच्छा अगर तुम डॉक्टर ना बन सकी तो फिर मरोगी कैसे खुदकुशी करोगी या तबाई मौत जवेरिया ने बड़ी दिलचस्पी से पूछा तबाई मौत ही मरूंगी खुदकुशी तो कर ही नहीं सकती

इमामा ने लापरवाही से कहा और अगर तुम्हें तबाई मौत ना आ सकी तो मेरा मतलब है जल्द ना आई तो फिर तुम डॉक्टर ना बनने के बावजूद भी लंबी जिंदगी गुजारो गी नहीं मुझे पता है कि अगर मैं डॉक्टर ना बनी तो फिर बहुत जल्द मर जाऊंगी मुझे इतना दुख होगा कि मैं तो जिंदा रह ही नहीं सकूंगी वो यकीन से बोली तुम तुम जिस कदर खुश मिजाज हो मैं कभी यकीन नहीं कर सकती कि तुम कभी इतनी दुखी हो सकती हो कि रो रो कर मर जाओ और वह भी सिर्फ इसलिए कि तुम डॉक्टर नहीं बन सकी लक फनी जवेरिया ने इस बार उसका मजाक उड़ाने वाले अंदाज में कहा तुम अब मेरी बात छोड़ो अपनी बात करो

खामोशी की ज़ुबान – Peer e Kamil जैसी खामोश मोहब्बत

तुम्हारी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश क्या है इमामा ने मौजू बदलते हुए कहा रहने दो क्यों रहने दू बताओ ना तुम्हें बुरा लगेगा जवेरिया ने कुछ हिचक चाते हुए कहा इमामा ने गर्दन मोड़कर हैरानी से कहा मुझे क्यों बुरा लगेगा जवेरिया खामोश रही ऐसी क्या बात है जो मुझे बुरी लगेगी इमामा ने अपना सवाल तो हराया बुरी लगेगी जवेरिया ने मध्यम आवाज में कहा आखिर तुम्हारी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश का मेरी जिंदगी से क्या ताल्लुक है कि मैं इस पर बुरा मानूंगी इमामा ने इस बार कदर उलझे हुए अंदाज से पूछा कहीं तुम्हारी ख्वाहिश यह तो नहीं कि मैं डॉक्टर ना बनू इमामा को अचानक याद आया जबरिया हस्ती नहीं जिंदगी सिर्फ एक डॉक्टर बन जाने से कहीं ज्यादा अहमियत की हामिया उसने कुछ फलसफा अंदाज में कहा पहले बजवाना छोड़ दो और

मुझे बताओ इमामा ने कहा मैं वादा करती हूं मैं बुरा नहीं मानूंगी इमामा ने अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा वादा करने के बावजूद तुम मेरी बात सुनने पर बुरी तरह नाराज होगी बेहतर है हम कुछ और बात करें जबरिया ने कहा अच्छा मैं अंदाजा लगाती हूं तुम्हारी इस ख्वाहिश का ताल्लुक मेरे लिए किसी बहुत आम चीज से है राइट इमामा ने कुछ सोचते हुए कहा जवेरिया ने सर हिलाया अब सवाल यह पैदा होता है कि मेरे लिए कौन सी चीज इतनी अहम हो सकती है कि मैं वह बात करते करते रुक गई मगर जब तक मैं तुम्हारी ख्वाहिश की नयत जान नहीं लेती मैं कुछ भी अंदाजा नहीं कर सकती बता दो जवेरिया प्लीज अब तो मुझे बहुत ही ज्यादा तज हो रहा है उसने मिन्नत की वो कुछ देर सोचती रही इमामा गौर से उसका चेहरा देखती रही कुछ देर की खामोशी के बाद जवेरिया ने सर उठाकर इमामा को देखा

मेरे प्रोफेशन के अलावा मेरे जिंदगी में फिलहाल जिन चीजों की अहमियत है वह सिर्फ एक ही है और अगर तुम इसके हवाले से कुछ कहना चाहती हो तो कहो मैं बुरा नहीं मानूंगी इमामा ने संजीदगी से कहा जवेरिया ने कदर चौक कर उसे देखा वह अपने हाथ में मौजूद एक अंगूठी को देख रही थी जवेरिया मुस्कुराई मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश यह है कि तुम जबरिया ने उसे अपनी ख्वाहिश बताई इमामा का चेहरा एकदम सफेद पड़ गया वह शौक थी या हैरत जदा जबरिया अंदाजा नहीं कर सकी मगर उसके चेहरे के तासु आत यह जरूर बता रहे थे कि जबरिया के मुंह से निकलने वाले जुमले उसके हर अंदाजे के बरक्स थे मैंने तुमसे कहा था ना कि तुम बुरा मानोगी जवेरिया ने जैसे सफाई पेश करने की कोशिश की मगर

इमामा कुछ कहे बगैर उसे देख रही मुज हलक के बल चिल्लाता हुआ दर्द से दोहरा हो गया उसके दोनों हाथ अपने पेट पर थे उसके सामने खड़े 12 साला लड़के ने अपनी फटी हुई टीशर्ट की आस्तीन से अपनी नाक से बहता खून साफ किया और हाथ में पकड़े हुए टेनिस रैकेट को एक बार फिर पूरी कुवत से मईस की टांग पर दे मारा मुई इस के हलक से एक बार फिर चीख निकली और वह इस बार सीधा हो गया कुछ बे यकीनी के आलम में उसने खुद से दो साल छोटे भाई को देखा जो अब बगैर किसी लिहाज और मुरव्वत के उसे इस रैकेट से पीट रहा था जो मोईज कुछ देर पहले उसे पीटने के लिए लेकर आया था इस हफ्ते में उन दोनों के दरमियान होने वाला यह तीसरा झगड़ा था

और तीनों बार झगड़ा शुरू करने वाला उसका छोटा भाई था मोईज और उसके ताल्लुकात हमेशा ही ना खुशगवार रहे थे उनका झगड़ा बचपन से लेकर अब से कुछ पहले तक सिर्फ जबानी कलाम बातों और धमकियों तक ही महदूद रहता था मगर अब कुछ अरसे से वह दोनों हाता पाई पर भी उतर आते थे आज भी यही हुआ था वह दोनों स्कूल से इकट्ठे वापस आए थे और गाड़ी से उतरते हुए उसके छोटे भाई ने बड़ी दरश के साथ पीछे डिग्गी से उस वक्त अपना बैग खींच कर निकाला जब मोईज अपना बैग निकाल रहा था

बैग खींचते हुए मुईज के हाथ को बुरी तरह रगड़ आई मोईज बुरी तरह तिल मिलाया तुम अंधे हो चुके हो वो इत्मीनान से अपना बैग उठाए बे नियाजी से अंदर जा रहा था मुईज के चिल्लाने पर उसने पलट कर उसको देखा और लाउच का दरवाजा खोलकर अंदर चला गया मुईज के तन बदन में जैसे आग लग गई वह तेज कदमों से उसके पीछे अंदर चला गया अगर दोबारा तुमने ऐसी हरकत की तो मैं तुम्हारा हाथ तोड़ दूंगा उसके करीब पहुंचते हुए मुईज एक बार फिर दहाड़ा

उसने बैक कंधे से उतार कर नीचे रख दिया और दोनों हाथ कमर पर रखकर खड़ा हो गया निकालू तुम क्या करोगे हाथ तोड़ोगे इतनी हिम्मत है यह मैं तुम्हें उस वक्त बताऊंगा जब तुम दोबारा यह हरकत करोगे मोई अपने कमरे की तरफ बढ़ा मगर उसके भाई ने पूरी कुवत से उसका बैग खींचते हुए उसे रुकने पर मजबूर कर दिया नहीं तुम मुझे अभी बताओ उसने मोईज का बैग उठाकर दूर फेंक दिया

Peer e Kamil 2nd Part is Here

1 comment

Post Comment